A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
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You may additionally desire to hear the Hanuman Chalisa on line here in MP4 audio format. Beneath Every chaupai and that means could be the Hanuman Chalisa MP4 audio file, that may be listened to afterwards, at your advantage.
व्याख्या – गुरुदेव जैसे शिष्य की धृष्टता आदि का ध्यान नहीं रखते और उसके कल्याण में ही लगे रहते हैं [ जैसे काकभुशुण्डि के गुरु], उसी प्रकार आप भी मेरे ऊपर गुरुदेव की ही भाँति कृपा करें ‘प्रभु मेरे अवगुन चित न धरो।’
व्याख्या – जो मन से सोचते हैं वही वाणी से बोलते हैं तथा वही कर्म करते हैं ऐसे महात्मागण को हनुमान जी संकट से छुड़ाते हैं। जो मन में कुछ सोचते हैं, वाणी से कुछ दूसरी बात बोलते हैं तथा कर्म कुछ और करते हैं, वे दुरात्मा हैं। वे संकट से नहीं छूटते।
राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।
व्याख्या – सामान्यतः जब किसी से कोई कार्य सिद्ध करना हो तो उसके सुपरिचित, इष्ट अथवा पूज्य का नाम लेकर उससे मिलने पर कार्य की सिद्धि होने में देर नहीं लगती। अतः यहाँ श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये भगवान श्री राम, माता अंजनी तथा पिता पवनदेव का नाम लिया गया।
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज राम के दुलारे हैं। तात्पर्य यह है कि कोई बात प्रभु से मनवानी हो तो श्री हनुमान जी की आराधना करें।
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
Ravana burns Hanuman's tail. The curse lifted; Hanuman now remembers all of his dynamic divine powers. He is claimed to own transformed in the sizing of mountain and flew across the slim channel to Lanka. Upon landing, he discovers a metropolis populated via the Lanka king Ravana and his demon followers, so more info he shrinks all the way down to the scale of the ant and sneaks into town.
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द: भजन
व्याख्या— रुद्रावतार होने के कारण समस्त प्रकार की सिद्धियाँ एवं निधियाँ श्री हनुमान जी को जन्म से ही प्राप्त थीं। उन सिद्धियों एवं निधियों को दूसरों को प्रदान करने की शक्ति माँ जानकी के आशीर्वाद से प्राप्त हुई।
ShreeguruShreeguruDivine Guru/Trainer charanaCharanafeet sarojaSarojalotus flower rajarajadust/pollen nijanijaown/mine manamanaheart/brain mukuramukuramirror sudhaarisudhaaripurify/cleanse
सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।
व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।
Getting polished the mirror of my heart with the dust of my Guru’s lotus ft, I recite the divine fame of the greatest king of Raghukul dynasty, which bestows us Together with the fruit of all of the 4 efforts.